Thursday, December 26, 2013

भोर का प्रकाश उदय हुआ–क्रिसमस शायरियाँ

Dayspring from high

दौडनेवाले को अगर दिशा नहीं दिखे तो कैसे दौड़ेगा?
जीवन की दौड़ में अँधियारा छाया रहे तो कैसे बढ़ पाएगा?

सर्दी के मौसम में धुंध और कोहरे को हमारे मार्ग से हटाने ऊपर से रौशनी उतरती है
ऊपर से हम पर भोर का प्रकाश उदय हुआ की अंधकार और मृत्यु की छाया में बैठनेवालो को ज्योति दे
और हमारे पावों को शांति के मार्ग में सीधे चलाये

ऊपर से हम पर भोर का प्रकाश उदय हुआ है
हाँ, प्रभु यीशु मसीह उद्धारकर्ता के रूप में जन्म लिया है

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God with us


सुबह की ओस हमें कराती है उसकी एहसास
सृष्टिकर्ता सृष्टि बनकर आया देने हमें विश्वास
हर पल हर वक्त हर सांस कहती है वही है आस
यही है क्रिसमस की परमेश्वर है हमारे पास


, God with us, Dayspring from high

Friday, December 20, 2013

किसकी खोज में ?

किसकी खोज में ?

(क्रिसमस क्यों ?)

हमारा भारत त्योहारों का देश है। साल के कर्इ दिनों को कर्इ एक महापुरूषों की याद में हम मनाते हैं। लेकिन क्या आपने यह सोचा कि क्यों क्रिसमस को ‘बडा़ दिन’ कहते हैं ?


क्योंकि प्रभु यीशु मसीह का जन्म संसार की इतिहास पर भारी प्रभाव को लाया। जिस कारण संसार की  कैलेंडर  (Calendar) दो भाग हुआ और इसीकारण र्इसा पूर्व (B.C) और र्इसवीं (A.D) कहते हैं।


Mayan Calendar 2जब कैलेंडर की बात करते है तो हमें जरूर मायन (Mayan) कैलेंडर की चर्चा करना होगा। कहा जाता है कि 5,125 साल के पहले दक्षिण अमेरिका के मायन लागों ने यह अनुमान लगाया कि 21 दिसंबर 2012 को यह दुनिया की विनाश होगा। न केवल यह अनुमानन गलत निकला आज पूरे एक साल भी हो गया।


2013 वषों के पहले पूर्वी देशों के कुछ ज्योतिषियों ने पूर्व में एक तारा को दे खकर उसकी दिखाए हुए दिशा की ओर निकल पड़े। (मत्ती 2:1,2)


वे किसकी खोज में निकले ?  एक जन्मा राजा की खोज में। जो इस संसार की उद्धार करनेवाला था। भारत, जो पूर्वी देशों में से एक है, यहाँ कर्इ वर्षों से हमारी यह खोज रही है। कैसी खोज या किसकी खोज ?

 
असतो मा सदगमय। (असत्य से सत्य की ओर ले जायें)
तमसो मा ज्योतिर्गमय। (अंधकार से ज्योति की ओर ले जायें)
मृत्योर्मा अमृतंगमय। (मृत्यु से जीवन की ओर ले जायें)


उन ज्योतिषी को जिस तारा ने अगुवार्इ किया वह एक जगह पहुँचकर ठहर गया।

''जो तारा उन्होंने पूर्व में देखा था, वह उन के आगे आगे चला और जहाँ बालक था, उस जगह के ऊपर पंहुचकर ठहर गया। उस तारे को देखकर वे अति आननिदत हुए । और मुंह के बल गिरकर उसे प्रणाम किया; और अपना अपना थैला खोलकर उसे सोना, और लोहबान, और गन्धरस की भेंट चढा़र्इ। (मत्ती 2:9.11)


वे क्यों अति आननिदत हुए ?

क्योंकि जिसकी खोज में वे निकले, उसे पाए। उनकी सारी आकांक्षा (Aspiration) की जवाब (Answer) उनको  मिल गया था।


''ऊपर से हम पर भोर का प्रकाश उदय होगा कि अन्धकार और मृत्यु की छाया में बैठने वालों को ज्योति दे, और हमारे पावों को कुशल के मार्ग में सीधे चलाए। (लुका 1:78-79)

Wise Men


क्योंकि प्रभु यीशु मसीह अपने बारे में यह कहा, ''मार्ग और सच्चार्इ और जीवन मैं ही हूँ। (यूहन्ना 14:6)


स्ंसार के तमाम लोगों को असत्य से सत्य की ओर ले जाने, अंधकार से छुडा़कर ज्योति की ओर मार्गदर्षन करने और मृत्यु से जीवन की ओर ले जाने के लिए प्रभु यीशु मसीह जन्मा।


प्रभु यीशु मसीह किसी धर्म या पंथ या देश के लोगों के लिए नही जन्मा लेकिन संसार के सब लोगों के लिए।


''और उस देश में कितने गड़ेरिये थे, जो रात को मैदान में रहकर अपने झुण्ड का पहरा देते थे। और प्रभु का एक दूत उन के पास आ खडा़ हुआ; और प्रभु का तेज उन के चारों ओर चमका, और वे बहुत डर गए। तब स्वर्गदूत ने उन से कहा, मत डरो; क्योंकि देखो मैं तुम्हें बड़े आनन्द का सुसमाचार सुनाता हूँ जो सब लोगों के लिए होगा। कि आज दाऊद के नगर में तुम्हारे लिए एक उद्धारकर्ता जन्मा है, और यही मसीह प्रभु है। (लुका 2:8-11)


प्रभु यीशु मसीह यह कहता है। ''मैंने इसलिए जन्म लिया, और इसलिए जगत में आया हूँ कि सत्य पर गवाही दूँ जो कोर्इ सत्य का है, वह मेरा शब्द सुनता है। (यूहन्ना 18:37)


    लेकिन '' जो धर्म (या मज़ब) की पीछा करता वह सत्य को नहीं पहचानता (‘OMG’ में परवेश)


पाप हमारे जीवन से आनन्द को चुरा लेता है। धर्म, दान या पैसा हमें पापों से छुडा़ नही सकता हमें मुकित नही दे सकता। सत्य ही हमें पापों से मुकित दे सकता है।


यीशु के जन्म के पहले ही उन के बारे में यह प्रगट किया गया। ''वह पुत्र जनेगी और तू उसका नाम यीशु रखना; क्योंकि वह अपने लोगों का उन के पापों से उद्धार करेगा। (मत्ती 1:21)


“बोनेवाला काटेगा” यही संसार की नियम है। “पाप करनेवाला दण्ड भोगना पडे़गा” यह कानुन है और स्वर्गीय नियम भी है। “पाप का दण्ड मृत्यु है” उस दण्ड और दोष से बचने के लिए मनुष्य बहुत कुछ करके देखता है और प्रायश्चित करने बहुत खर्च भी करता है।

प्रभु यीशु मसीह संसार के सब लोगों की पाप की दण्ड को अपने ऊपर लेकर हम हरेक के लिए क्रूस पर मरा। उसकी मृत्यु के कारण हमें पाप से क्षमा मिलती है। मरकर तीसरे दिन वे जी उठे और जो कोर्इ उस पर विश्वास करता है उसके संग वे रहते हैं।

देखो एक कुंवारी गर्भवती होगी और एक पुत्र जनेगी और उसका नाम इम्मानुएल रखा जाएगा जिसका अर्थ यह है “परमेश्वर हमारे साथ”। (मत्ती 1:23)


God's Love Expressedहमारी सबसे बड़ी जरूरत क्षमा है, इसलिए परमेश्वर हमारे लिए उद्धारकर्ता को भेजा है जिसका नाम है प्रभु यीशु मसीह।


''क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उस ने अपना एकलौता पुत्र (यीशु मसीह) दे दिया, ताकि जो कोर्इ उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए। (यूहन्ना 3:16)


''यही क्रिसमस है